निरई माता के दर्शन करने उमड़ी भक्तों की भीड़, हर भक्तों की मनोकामना होती है पूर्ण, देखिए वीडियो

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- गरियाबंद जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर धमतरी जिले के अंतिम छोर मोहेरा गांव के जंगल और पहाड़ के बीच एक खोल में विराजी निरई माता के प्रति क्षेत्र के श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा भक्ति है। इस श्रद्धा, भक्ति और आस्था के चलते चैत्र नवरात्रि के रविवार को कई हजारों की संख्या में देवी मां के भक्त दर्शन और पूजा के लिए पहुंचे।

14 अप्रैल चैत्र नवरात्रि के रविवार को माता के दरबार में जातरा मेला लगा। जातरा मेला में माता के दर्शन के लिए दूर दराज से श्रद्धालु भक्तगण पहुंचे। सर्वप्रथम निरई के बैगा ने यह पूजा अर्चना की पश्चात ठाकुर दिया में पूजा हुई । उसके बाद माता के स्थापना में पूजा के बाद ऊपर वाली पहाड़ी में चढ़ावा भेंट कर अर्जी विनती की गई। माता निरई में नारियल ,अगरबत्ती चढ़ाया गया। माता के दरबार में जय जय निरई माता के जयकारे गूंजते रहे। जातरा मेला में श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस विभाग भी लगे रही ।

मनोवांछित फल देने वाली है माता

मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि के प्रथम रविवार चाहे तिथि कोई भी पड़े, वर्ष में एक बार भक्तों को यहां दर्शन मिलता है। माता के दर्शन के लिए धमतरी , मगरलोड, कुरूद, नगरी, गरियाबंद, राजिम, पांडुका, छुरा, फिंगेश्वर , महासमुंद, रायपुर, नयापारा, अभनपुर, बलौदा बाजार, दुर्ग भिलाई, बिलासपुर, कोरबा सहित अनेकों जगहों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। भक्तों का यह रैला पहट के 3 बजे से शुरू हो गया । शनिवार-रविवार की रात्रि से ही भक्तों  के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था, जो सुर्याेदय होते तक कई हजारों की संख्या में नजर आने लगा। अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भक्तों की अत्यधिक भीड़ देखी गई ।

बताया जाता हैं कि निरई माता मनोवांछित फल देने वाली है। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण सोंढूल और पैरी नदी के संगम के मुहाने पर पहाड़ी पर स्थित मां निरई में मन्नतें पूरी होने पर श्रद्धानुसार कुछ भेंट देने की परंपरा है। मान्यता है कि भेंट चढ़ाने से देवी मां प्रसन्न होकर सभी मनोकामना पूरी करती हैं, वहीं कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद भेंट चढ़ाते हैं। भक्त अपनी समस्या के निदान एवं मनोवांछित वरदान प्राप्त करने दूर दराज से आते हैं।

साल में केवल एक बार खुलता है दरबार

धमतरी जिले के सरहद में पैरी नदी के किनारे पड़ने वाले माता के इस दरबार में जाने के लिए राजिम-गरियाबंद मार्ग पर काफी भीड़ रही। माता का यह दरबार साल में केवल एक बार खुलता है। लिहाजा भक्तों की रेलम-पेल भीड़ रहती है। लोग अपने साधनों से यहां तक पहुंचते हैं। माता के दर्शन के लिए मोहेरा गांव के चारों तरफ दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों का आना जाना आधी रात के बाद से ही शुरू हो गया था।

दरबार में महिलाओं का आना वर्जित

मान्यता के मुताबिक माता के इस दरबार में महिलाओं का आना-जाना वर्जित है। वे यहां का प्रसाद भी नहीं ले सकती । ( पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें )

वीडियो :-

 

 

छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

https://chat.whatsapp.com/K3AMYy3Qr6y8Zw044nyFjW

यह खबर भी जरूर पढ़े

NAVRATRI 2023 : 9 शुभ योगों के साथ नवरात्र शुरू , रमई पाठ में आज भी मौजूद हैं त्रेतायुग की निशानियां

Related Articles

Back to top button