मंत्रालय में नौकरी लगाने का झांसा देकर वसूले 71 लाख, ऐसे करते थे धोखाधड़ी, आरोपी गिरफ्तार

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज):- जिले में पुलिस ने नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भाण्डाफोड़ किया है । आरोपी ग्रामीण क्षेत्र के पढे लिखे बेरोजगार युवको के साथ ठगी करते थे । आरोपियों ने लगभग 15 युवकों से मंत्रालय एवं अन्य विभागो में नौकरी लगाने के नाम पर 71 लाख रूपये धोखाधड़ी कर वसूले है । इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मामला भिलाई सुपेला थाना क्षेत्र का है ।
एएसपी सुखनंदन राठौर ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि धमतरी के रावा गांव निवासी तिवेंद्र कुमार सिन्हा ने अपने कुछ साथियों के साथ 3 मार्च को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वे लोग शिक्षित बेरोजगार है और वे रोजगार की तलाश में है । उनकी मुलाकात सुपेला निवासी अर्जुन मानिकपुरी से हुई थी। जिसने अपनी ऊंची पहुँच बता कर मंत्रालय के अन्य विभागों में नौकरी लगवाने का झांसा दिया।
जालसाजी कर हो गये फरार
नौकरी लगवाने के लिए तिवेंद्र से 7 लाख 10 हजार रुपए तथा दुर्ग, राजनांदगांव और धमतरी के कुछ युवकों से कुल 71 लाख रुपए लिए थे। लेकिन नौकरी नहीं लगने पर पैसे वापस मांगे तो आरोपी टालमटोल करने लगा। कुछ दिन बाद आरोपी फरार हो गए। जिसके बाद युवकों ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपियों की पतासाजी में जुट गई।
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी लगी कि एक आरोपी अर्जुन मानिकपुरी अपने घर सुपेला आया हुआ है जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा । आरोपी अर्जुन के निशानदेही पर तरुण कश्यप को रायपुर, हरि विवेक डहरिया को राजनांदगांव और किशोर जायसवाल को रायपुर से गिरफ्तार किया गया । पकड़े गए एक आरोपी हरि विवेक डहरिया के खिलाफ पूर्व में भी राजनांदगांव के अम्बागढ़ चौकी और रायपुर के राजेन्द्र नगर थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज है।
ऐसे हुआ खुलासा
आरोपियों ने इतनी सफाई से ठगी को अंजाम दिया है कि मंत्रालय पहुंचते तक किसी को शक ही नहीं हुआ । एक आरोपी को फर्जी अधिकारी बनाकर बकायदा आरोपियों ने पीड़ितों को मंत्रालय के अधिकारी का फर्जी सील साइन लगाकर ज्वाइनिंग लेटर दिया। युवक नौकरी लगने से खुश होकर ज्वाइनिंग देने मंत्रालय पहुंचे। उस लेटर के हवाले से उन्हें ज्वाइनिंग नहीं मिली, तो आरोपीयों ने दूसरा लेटर जारी किया । जिसे फिर मंत्रालय लेकर जाने पर संबंधित विभाग में उनके लेटर को फर्जी बताकर उन्हें लौटा दिया गया। तब पीड़ितों को ठगी का पता लगा।
वही ठगी के पैसे से खरीदे आरोपी हरि विवेक डहरिया के पास से हुंडई कार 12 लाख कीमत और तरुण कश्यप के पास से एस क्रास कार 12 लाख कीमत समेत मोबाइल फोन जप्त किए गए है। आरोपियों ने शेष रकम को बैंक खातों में जमा किए थे। पुलिस ने उन बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया है।
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