अजब गजब कारनामे: सड़क बनाई लेकिन बिजली खंभा हटाना भूल गए, राहगीरों के लिए खतरा, पहली बारिश में ही उखड़ने लगी सड़क

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– गरियाबंद जिले के छुरा तहसील में लाखों की लगात से सड़क बनाने का काम प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत किया गया है। लेकिन सड़क के बीच खड़े बिजली के पोल को हटवाना अधिकारी भूल गए है। जिससे कभी भी गंभीर दुर्घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। वहीं इस सड़क के गुणवत्ता पर सवाल भी उठने लगे हैं।
बता दे कि छुरा तहसील के घटकर्रा गांव में 31.63 लाख रुपये की लागत से लगभग 700 मीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया है। प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN) के तहत इस सड़क का निर्माण किया गया है। लेकिन इस सड़क निर्माण में बिना बिजली के पोल हटाए सड़क बनाने से खतरा पैदा हो गया है। जरा सा भी ध्यान हटा तो वाहन सीधे बिजली के खम्भे से टकराएगा।
बिजली के पोल हटाने की प्रक्रिया बिजली विभाग को पूरी करानी है। किन्तु सड़क बना रहे विभाग और बिजली विभाग के बीच समन्वय न बन पाने से यह स्थिति निर्मित हुई है। अफसरों ने इस पर ऐतराज भी नहीं किया। अब सड़क बन गई है इसलिए वाहन फर्राटा भरने लगे हैं।
विभागीय अफसरों की उदासीनता
सड़क के बीच खड़े बिजली के पोल कब काल बन जाएंगे, यह डर लोगों को सताता रहता है। बिजली के पोल हटाने के बाद फिर गड्ढा हो जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क बनने के बाद अब बिजली का पोल हटाए जाने से सड़क में फिर तोड़फोड़ होगी। पोल हटाने से बने गड्ढे भरकर सड़क तो बना दी जाएगी, लेकिन बारिश में वहां फिर सड़क खराब होने का खतरा बना रहेगा।
जबकि यदि सड़क बनने के पहले ही बिजली का पोल हटा लिया गया होता तो सड़क में तोड़फोड़ भी न करनी पड़ती और हादसे का खतरा भी न होता। किन्तु विभागीय अफसरों की उदासीनता के चलते बिना बिजली पोल हटाए ही सड़क बना दी गई। इससे सड़क की गुणवत्ता तो प्रभावित होगी ही, स्थानीय लोगों की जान पर हादसे का खतरा भी बढ़ गया है।
पहली ही बारिश में उखड़ने लगी है सड़क
वहीं बताया जा रहा है कि इस सड़क की हालत इतनी खराब है कि पहली ही बारिश में डामर उखड़ने लगा है। करीब 31.63 लाख रुपये की लागत से बनी 0.700 किमी लंबी सड़क में घटिया सामग्री उपयोग करने और बारिश के दौरान ही डामरीकरण कराने के आरोप ग्रामीणों ने लगाए हैं। स्थानीय PVTG (विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह) ग्रामीणों ने निर्माण की शुरुआत से ही अनियमितताओं की शिकायत की थी। विरोध के चलते कुछ दिन काम रुका भी रहा, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों के संरक्षण में कार्य फिर शुरू कर दिया गया। ठेकेदार पर कोई कार्रवाई भी नहीं हुई।
विभाग ने दी सफाई
इस मामले में PMGSY के कार्यपालन अभियंता लक्ष्य पूरा करने की बात कहकर सवालों से बचते नजर आए। वहीं ठेकेदार मेसर्स बाफना कंस्ट्रक्शन के सुपरवाइजर ने निर्माण कार्य को गुणवत्तापूर्ण बताते हुए सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
सरकार की मंशा और जमीनी हकीकत
PM JANMAN योजना का उद्देश्य विशेष पिछड़ी जनजातियों को सालभर सड़क संपर्क सुविधा देना है। लेकिन गरियाबंद में यह योजना भ्रष्टाचार और लापरवाही की शिकार होती नजर आ रही है, जिससे आदिवासी अंचलों के विकास का सपना अधूरा रह सकता है।
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