पानी शुद्ध करने के लिए करोड़ों खर्च, फिर भी नदी में मिल रहा शहर का गंदा पानी, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- नवापारा शहर से प्रतिदिन लाखों लीटर गंदा पानी निकलता है। शहर से निकलने वाला गंदा पानी नालीयों से होकर सीधे महानदी में मिला दिया जाता है । इस गंदे पानी को नदी में सीधे ना भेज कर ट्रीटमेंट कर नदी में मिलाने के लिए शहर के बाहर मुक्तिधाम के पीछे जल शुद्धिकरण यंत्र बनाया गया है । लेकिन गंदे पानी को इस सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (जल शुद्धिकरण संयंत्र) तक पहुंचाने वाले नालीयों के गुणवत्ताहीन कार्य के चलते प्लांट की उपयोगिता धरी की धरी रह गई है।

जानिए क्या है सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट

सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट घरों, कंपनियों और उद्योगों सहित विभिन्न स्रोतों से गंदे पानी को एकत्र करते हैं और उपचार संयंत्रों तक पहुंचाते हैं। इस गंदे पानी को उपचार संयंत्र में भेजकर पानी का शुद्धिकरण किया जाता है । यहाँ पानी को कई स्टेप से गुजारा जाता है ताकि उपचारित अपशिष्ट जल को पर्यावरण के अनुकूल रूप में लाकर जल चक्र में सुरक्षित रूप से वापस लाया जा सके। ट्रीटमेंट के बाद यह पानी वापस नदी में बहा दिया जाता है ।

गुणवत्ताहीन कार्य से उद्देश्य में लगा ग्रहण

बता दें कि शहर के गंदे पानी को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाने के लिए शहर के प्रारंभिक छोर से अंतिम छोर तक मुख्य नाली का निर्माण किया गया है, जिसमें शहर के भीतर घरों एवं अन्य स्थानों से निकलने वाला गंदा पानी एवं अपशिष्ट पदार्थ मुख्य नाली में जाकर मिलता है और मुख्य नाली के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाया जाता है। लेकिन नाली निर्माण की लापरवाही व गुणवत्ताहीन कार्य और प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते हजारों लीटर गंदा पानी प्लांट तक पहुंच ही नहीं पा रहा है। मुख्य नाली निर्माण जगह-जगह से क्षतिग्रस्त और लिकेज होने के कारण गंदा पानी नदी में मिल रहा है। जिससे नदी का पानी भी दूषित हो रहा है।

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सीवेज तथा राइस मिल का गंदा पानी सीधे नदी में मिल रहा

लोगों की श्रद्धा और आस्था के प्रतीक महानदी की दुर्दशा का आलम यह है कि पूरे नगर के नालियों का गंदा पानी नाले के माध्यम से जगह-जगह नदी में मिल रहा है जिसके कारण पूरा पानी दूषित हो गया है। इतना ही नहीं कुछ राइस मिलों का गंदा पानी भी सीधे सीधे महानदी में मिल रहा है। इस ओर शासन प्रशासन बिलकुल भी ध्यान नहीं दे रहा है। नपा के अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौन साधे बैठे हैं।

करोड़ों खर्च पर समाधान नहीं

15 करोड़ 77 लाख 85 हजार की लागत से निर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का कार्यादेश 2920/लोनिवि/नपा/2020-21 दिनांक 20 जनवरी 2021 को मेसर्स एड्राइट एसोसिएट्स प्रा.लि. को जारी किया गया था। गुणवत्ताहीन नाली निर्माण के चलते इसका उद्देश्य अधूरा रह गया है । मुख्य नालियों में कचरा और गाद के चलते पानी ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंच ही नहीं पा रहा है । जिससे करोड़ों रुपए खर्च कर भी इसका कोई समाधान होते नहीं दिख रहा है ।

क्या कहते है जिम्मेदार

नगर पालिका परिषद गोबरा नवापारा के सीएमओ प्रदीप शर्मा ने कहा कि मेरे द्वारा नोटिस जारी किया गया है। शीघ्र से शीघ्र उस कार्य को पूर्ण करें अन्यथा नियमानुसार उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी। कंपनी के इंजीनियर ने कहा कि मटेरियल गिर चुका है, जिस स्थान को नाली से जोड़ा जाना है उस स्थान में पानी भरा होने के कारण मुश्किल हो रही है। जल संसाधन विभाग पानी रोकने की व्यवस्था बना दे तो काम चालू हो जायेगा।

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