निरई माता के दर्शन करने भक्तों का जनसैलाब : साल में एक बार खुलता है माता का दरबार, देखिए वीडियो
(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) गरियाबंद :- धमतरी जिले के अंतिम छोर मोहेरा गांव के जंगल और पहाड़ के बीच एक खोल में विराजी निरई माता के प्रति क्षेत्र के श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा भक्ति है। इस श्रद्धा भक्ति और आस्था के चलते रविवार को कई हजारों की संख्या में देवी मां के भक्त दर्शन और पूजा के लिए पहुंचे। मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि के प्रथम रविवार चाहे तिथि कोई भी पड़े, वर्ष में एक बार भक्तों को यहां दर्शन मिलता है। सो दर्शन के लिए खासतौर से रायपुर, गरियाबंद, महासमुंद और धमतरी जिले सहित कई अनेकों जिलों के भक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं। भक्तों का यह रैला पहट के 3 बजे से शुरू हो जाता है। शनिवार-रविवार की रात्रि से ही भक्तों का पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका था, जो सुर्योदय होते तक कई हजारों की संख्या में नजर आने लगा। प्रथा के मुताबिक मन्नत पूरा होने पर स्वेच्छा से भक्तजन यहां प्रसादी लेकर पहुंचे थे।
साल में केवल एक बार खुलता है दरबार
उल्लेखनीय है कि धमतरी जिले के सरहद में पैरी नदी के किनारे पड़ने वाले माता के इस दरबार में जाने के लिए राजिम-गरियाबंद मार्ग पर काफी भीड़ रही। माता का यह दरबार साल में केवल एक बार खुलता है। लिहाजा भक्तों की रेलम-पेल भीड़ रहती है। लोग अपने साधनों से यहां तक पहुंचते हैं। इस मंदिर में प्रतिवर्ष जात्रा का भी आयोजन किया जाता है। माता के दर्शन के लिए मोहेरा गांव के चारों तरफ दो पहिया एवं चार पहिया वाहनों का आना जाना आधी रात के बाद से ही शुरू हो गया था।
दरबार में महिलाओं का आना वर्जित
मान्यता के मुताबिक माता के इस दरबार में महिलाओं का आना-जाना वर्जित है। वे यहां का प्रसाद भी नहीं ले सकती। नवरात्रि पर्व में नौ दिनो तक बगैर तेल का यहां दीप प्रज्जवलित होता है, जिसकी प्रकाश काफी दूर तक दिखाई पड़ती है। इस देवीस्थल की खासियत है गर पूजा में जरा भी चूक हुई, विधि-विधान से पूजा नहीं हुआ, तो पहाड़ी की मधुमक्खियां भीड़ पर टूट पड़ती है।
yo
yo