विश्व में फैल रही है राजिम कुंभ कल्प की ख्याति, राजिम कुंभ कल्प पहुंचे विदेशी पर्यटक, बोले इट्स वन्डरफूल

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :– राजिम कुंभ कल्प में महाशिवरात्रि के अवसर राज्य के कोने कोने से पहुंचे श्रद्धालुओं के साथ साथ विदेशी सैलानी भी पहुंचे थे। निदरलैंड, जर्मनी, साउथ अफ्रीका से पहुंचे पर्यटक 54 एकड़ में लगे राजिम कुंभ की भव्यता देखकर अत्यंत प्रसन्न हुए। उन्हे राजीवलोचन मंदिर और त्रिवेणी संगम बीच स्थित कुलेश्वर नाथ महादेव मंदिर में उत्कीर्ण कलाकृतियों ने खासा प्रभावित किया। विदेशी पर्यटक नागा साधुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा में भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने पूरे मेला क्षेत्र का पैदल चलकर भ्रमण किया।
निदरलैंड, जर्मनी, साउथ अफ्रीका से पहुंचे पर्यटकों ने बताया कि हम पहली बार राजिम आए हैं। यहां आकर काफी प्रफूल्लित हैं। यहां की संस्कृति और लोगो के आत्मीय स्वागत ने काफी प्रभावित किया है। भारत की अध्यात्मिक और धार्मिक तथा संस्कृति को देखने और समझने के लिये भारत आए हैं। उन्होंने कहा कि हम भारत की संस्कृति एवं यहां के रहन-सहन से रूबरू होना चाहते हैं। यहां की सांस्कृतिक विरासत खासतौर से प्रभावित कर रही है।
कहा- इट्स वन्डरफूल
राजिम के इतिहास के बारे में उन्होंने अनभिज्ञता जाहीर की, लेकिन राजिम कुंभ की सजावट और संत समागम क्षेत्र की भव्यता को देखकर उन्होंने कहा- इट्स वन्डरफूल। विदेशी पर्यटक महाशिवरात्रि के पर्व पर नागा एवं विभिन्न अखाड़ों के साधुओं द्वारा निकाली गई शोभायात्रा में भी शामिल हुए। नागा साधुओं के शौर्य और अखाड़ों के प्रदर्शन को वे आश्चर्य चकित होते हुए आनंद लेते रहे। इस दौरान खास पलों को अपने कैमरे में कैद भी कर रहे थे।
पर्यटक दल ने राजिम में भगवान राजीव लोचन, श्री कुलेश्वरनाथ महादेव तथा संत समागम में पहुंचकर संतो से आशीर्वाद लिया। इसके अलावा नागा साधुओ से भी मुलाकात की। इस दौरान पर्यटकों के साथ फोटो खिंचवाने तथा सेल्फी लेने मेला घूमने आए लोगों की उमड़ पड़ी। इन पर्यटको ने भी आनंद लेते हुए उपस्थित जन समूह के साथ फोटो खिचवाई।
नीदरलैंड से पहली बार आए सिनिस ने कहा, “यहाँ की संस्कृति और लोगों की आत्मीयता ने मुझे गहराई से प्रभावित किया है। यह एक अद्भुत अनुभव है!” वहीं, इटली से आए जुबेतो और पैट्रिसिया ने कहा कि वे भारत की आध्यात्मिक, धार्मिक और अलौकिक संस्कृति को करीब से देखने और समझने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा, “राजिम कुंभ कल्प भारतीय आस्था और आध्यात्मिकता का अद्वितीय संगम है, जो हमें मंत्रमुग्ध कर रहा है।”
आध्यात्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का अंतरराष्ट्रीय मंच
राजिम कुंभ कल्प की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय लोकप्रियता इस बात का प्रमाण है कि यह आयोजन भारतीय संस्कृति, परंपरा और आध्यात्मिक चेतना का वैश्विक केंद्र बनता जा रहा है। विदेशी मेहमानों की उपस्थिति से इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान मिल रही है, जिससे भविष्य में और अधिक पर्यटक और श्रद्धालु आकर्षित होंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों से राजिम कुंभ कल्प को एक भव्य, दिव्य और यादगार आयोजन के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि सम्पूर्ण भारत की संस्कृति और आस्था की गौरवशाली पहचान को वैश्विक स्तर पर स्थापित कर रहा है।
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