राजिम कुंभ मेला को लेकर अधिसूचना जारी, सीएम साय संरक्षक व अध्यक्ष, स्थानीय लोगों की उपेक्षा

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- राजिम कुंभ कल्प मेला 2025 का आयोजन 12 फरवरी से 26 फरवरी तक किया जाएगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है। यह अधिसूचना राजपत्र में प्रकाशित भी हो चुकी है। विभाग द्वारा 5 अधिसूचना जारी की गई है।

अधिसूचना अनुसार राजिम कुंभ कल्प मेला की प्रारंभिक तैयारियों व पश्चातवर्ती कार्यों के लिए 15 जनवरी से 15 मार्च 2025 तक मेला अवधि घोषित किया है। जिसमें रायपुर संभाग आयुक्त को मेला अधिकारी बनाया गया है। रायपुर सीएमएचओ को राजिम कुंभ कल्प मेला के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार स्थानीय समिति का गठन करते हुए प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल को समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।

प्रताप पारख उप संचालक को समिति का सदस्य नियुक्त करते हुए समिति में 8 अन्य अधिकारियों को सदस्य बनाया गया है। वहीं मार्गदर्शक के रूप में केन्द्रीय समिति का गठन किया गया है। इस केन्द्रीय समिति में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय संरक्षक सह अध्यक्ष, डिप्टी सीएम अरूण साव सह संरक्षक बनाए गए है। इस केंद्रीय समिति में मंत्री, सांसद, विधायक समेत अधिकारियों और साधु-संतो को विशिष्ट सदस्य एवं सदस्य बनाया गया है।

केन्द्रीय समिति में स्थानीय नेताओं और पत्रकारों की उपेक्षा

शासन द्वारा गठित केन्द्रीय समिति में प्रतिवर्ष स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाज सेवी, पत्रकारों को भी जोड़ा जाता था, लेकिन इस वर्ष गठित समिति में सिर्फ नेताओं और अधिकारियों को रखा गया है। स्थानीय लोगों की उपेक्षा से लोगों में आक्रोश है। पिछले वर्ष तक मेला आयोजन में सभी वर्गों को जोड़कर उनका मार्गदर्शन व सहयोग लिया जाता था। केन्द्रीय समिति में जुड़े होने से जनप्रतिनिधि भी मेला के कार्यों में सहयोग करते थे, लेकिन इस बार सरकार ने स्थानीय लोगों को न जोड़कर उन्हे दरकिनार कर दिया है। केन्द्रीय समिति के पूर्व में सदस्य रहे कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इस तरह से नाम हटा कर अधिकारी सरकार की छबि धूमिल करने का प्रयास कर रहे है।

टेंडर प्रक्रिया में भी स्थानीय लोगों की उपेक्षा

राजिम कुंभ कल्प मेला एक विश्व प्रसिद्ध मेला है। जहां प्रतिवर्ष देश के जगतगुरू शंकराचार्य, महामंडलेश्वर विभिन्न अखाड़ो से साधु-संत, महत्मा पहुंचकर अपना आशीवर्चन देते हैं। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भीड़ पहुंचती है। देश-विदेश से भी दर्शनार्थी आते हैं। मेला सम्पन्न कराने शासन के निर्देश पर स्थानीय समिति द्वारा विभिन्न कार्यों के लिए प्रतिवर्ष टेंडर निकाला जाता था, लेकिन 2023 में भाजपा सरकार द्वारा सत्ता में आते ही राजिम माघी पुन्नी मेला को फिर से राजिम कुंभ कल्प मेला किया गया और टेंडर प्रक्रिया बंद कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार राजिम मेला के लिए स्थानीय समिति प्रतिवर्ष 30 से अधिक कार्यों के लिए टेंडर निकालती थी। जिसमें छोटे कार्यों के लिए स्थानीय लोग टेंडर लेकर कार्य करते थे। पिछले वर्ष बिना टेंडर प्रक्रिया के कुछ ठेकेदारों को कार्यादेश जारी कर करोड़ों रुपए खर्च किया गया। इस तरह इसमें भी स्थानीय लोगों को दरकिनार कर दिया गया।

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