धनतेरस पर तीन गुना ज्यादा मिलेगी खुशियां: पंडित ने बताई खास वजह, पढ़िए पूरी खबर

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) :- दिवाली से पहले धनतेरस मनाने की परंपरा है। धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस खास दिन पर लोग खूब खरीदारी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि धनतेरस पर सोना, चांदी, बर्तन और अन्य चीजें खरीदने से देवी लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। वहीं घर में हमेशा आशीर्वाद बना रहना चाहिए, इसलिए धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान धन्वंतरि और कुबेर की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
शुभ कार्यों का तीन गुना ज्यादा मिलेगा फल
ज्योतिष भूषण पंडित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने बताया कि शनिवार और रविवार दोनो दिन धनतेरस मनाया जाएगा। इस तिथि के बढ़ जाने के कारण विशिष्ट ग्रह, योग और नक्षत्र के चलते सभी कार्य विशेष रूप से शुभफलदाई होंगे। पं. शास्त्री ने बताया कि आज शनिवार दोपहर 1.50 से उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र लग रहा है जो कि लक्ष्मीजी का प्रिय नक्षत्र है। इस स्थिर नक्षत्र में सोना चांदी एवम पीतल के बर्तन तथा भूमि भवन खरीदने के लिए इसे प्रशस्त कहा गया है और आज ही संध्या 06.05 मिनट पर त्रयोदशी तिथि शुरू होगी। आज त्रिपुष्कर योग भी है जो दोपहर 1.49 से 6.04 शाम तक रहेगा। इस कारण आज किए गए शुभ कार्यों का तीन गुना ज्यादा शुभ फल मिलेगा।
भगवान धनवंतरी का पूजन कार्यक्रम शाम को
डॉक्टर राजेंद्र गदिया द्वारा संचालित वैद्य भंवरलाल जैन औषधालय में संध्या समय भगवान धनवंतरी का समारोह पूर्वक पूजन कार्यक्रम है। जिसमे अंचल के सभी चिकित्सक गण एवम गणमान्य नागरिक गण उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं। आज से लेकर लक्ष्मी पूजा तक संध्या समय यम के निमित्त दीपदान किया जाता है। ऐसा करने से मनुष्य को यम यातना नही भोगनी पड़ती और ना ही उसकी अकाल मृत्यु होती है। बामन अवतार में राजाबली को श्रीहरि ने यह वरदान दिया था। पण्डित ब्रह्मदत्त शास्त्री ने स्पष्ट किया कि 25 अक्टूबर मंगलवार को सूर्यग्रहण होने के कारण 24 अक्टूबर सोमवार को ही लक्ष्मी पूजा का दीपावली का त्योहार मनाया जायेगा।
भगवान श्रीराजीव लोचन में होगा भव्य आयोजन
छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज श्रीराजीव लोचन में दिवाली के अवसर पर भव्य आयोजन होगा। यहां के पुजारियों ने बताया कि 23 अक्टूबर रविवार को धनतेरस, गौरा-गौरी माटी लाना एवं मूर्ति स्थापना होगी। 23 अक्टूबर सोमवार को नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, एवं गौरा गौरी विसर्जन किया जाएगा। 25 अक्टूबर मंगलवार को सूर्य ग्रहण होने के कारण संपूर्ण कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। वहीं 26 अक्टूबर बुधवार, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट किया जाएगा तथा 27 अक्टूबर गुरुवार के दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाएगा।

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