भामाशाह साहू सद्भाव समिति नवापारा द्वारा ग्राम पिपरौद में भामाशाह जयंती समारोह मनाया गया

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) नवापारा-राजिम :-ग्राम पिपरौद में दानवीर भामाशाह की जयंती पर भामाशाह साहू सद्भाव समिति नवापारा द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया । अतिथियों द्वारा पूजा अर्चना कर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लेकर इस कार्यक्रम का शुरुआत किया गया ।
पूजन पश्चात समिति के उद्देश्यों की जानकारी उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी गई। प्रमुख अतिथि अभनपुर तहसील साहू समाज के अध्यक्ष ने साहू समाज , तेली समाज का महत्व बता भामाशाह के महान कार्यों का बखान किए ,परोपकार का महत्व बताया और कहा कि हर मनुष्य को जरूरतमंद व गरीब लोगों की सेवा करनी चाहिए ,हमारा समाज दानवीर भामाशाह से हमेशा सीखते रहेंगे ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे दानी राम साहू ने कहा कि मैं समाज व इस समिति के कार्यों से गदगद हूं,मेरा सौभाग्य है कि मैं इस साहू समाज में जन्म लिया,समाज का हमेशा ऋणी रहूंगा। संरक्षक मकसूदन राम साहू ने दान व परोपकार पर कविता गुनगुनाए,समिति के सदस्य नारायण लाल साहू ने कहा कि मनुष्य जीवन है तो दान जरूरी है ।
कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि नूतन लाल साहू ,अध्यक्ष मोहन लाल मानिक ,संरक्षक श्रीराम सोन ,साहू समाज नवापारा ,साहू समाज पिपरौद के अध्यक्ष,ग्राम पटेल तथा ग्राम साहू समाज ,भामाशाह समिति के उपाध्यक्ष मानिक राम साहू,रोमनलाल साहू,रविशंकर साहू, खिया राम साहू,दिनेश साहू ,टिकेंद्र साहू,पूर्णेंद्र साहू व डेरहू राम साहू का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर रमेश सोनसायटी ने किया।कार्यक्रम के आयोजन के लिए आर आर साहू ने समिति के सदस्यों की सराहना की ।कार्यक्रम समापन की घोषणा गायत्री मंदिर परिवार पिपरौद के अध्यक्ष किशन साहू ने किया।
कौन थे भामाशाह
मेवाड़ राज्य में जन्मे भामाशाह बचपन से ही मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के मित्र वह विश्वासपात्र सलाहकार थे लोगों को संग्रहण की प्रवृत्ति से दूर रहकर चेतना जगाने का कार्य करते थे मातृभूमि के प्रति इनका गहरा प्रेम था इन के सहयोग से ही महाराणा प्रताप को पुणे निमाड़ का राज्य प्राप्त हुआ था 1576 में हल्दीघाटी युद्ध में इन्होंने इतना दान दिया की 25000 सैनिकों का 12 वर्षों तक निर्वहन हो सकता था इसी सहयोग से महाराणा प्रताप ने पुनः अपनी सैन्य शक्ति को मजबूत किया और मुगलों को हराकर मेवाड़ राज्य प्राप्त किया था।