छत्तीसगढ़ की रामकथा :अरण्य कांड के सुंदर और अविस्मरणीय यादों को समेटे हुए है सीतामढ़ी हरचौका,कैसे पहुचे यहॉ

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज ) :- भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास काल का अधिकांश समय दण्डकारण्य में बीता । वनवास काल में भगवान श्रीराम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ जहां-जहां ठहरे, उनके चरण जहां पड़े, छत्तीसगढ़ मे ऐसे 75 स्थानों को चिन्हांकित किया गया हैै। इनमें से  09 स्थानों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की शुरुआत छत्तीसगढ़ सरकार ने की है। राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना की शुरूआत मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ‘सीतामढ़ी हरचौका’ नामक स्थान से होती है।

मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में सीतामढ़ी हरचौका दण्डकारण्य का प्रारंभिक स्थल है जहाँ वनवास के दौरान प्रभु श्रीराम और माता सीता के कदम छत्तीसगढ़ में पड़े थे और यह भूमि पुण्यभूमि हो गई। मवई नदी ने माता सीता के पैर पखारे। वनवास के दौरान आरंभिक समय प्रभु श्रीराम ने यहीं बिताया और माता सीता और भाई लक्ष्मण ने उनका साथ दिया । माता सीता ने यहां रसोई बनाई और इस वनप्रदेश में भगवान श्रीराम की गृहस्थी बसी।

भूपेश बघेल की सरकार ने रामवनगमन परिपथ बनाने एक सार्थक पहल की ताकि यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को भी जरूरी सुविधा मिल सके और देश-विदेश में बसे राम भक्त वहा तक पहुंचे। अब यह सुंदर पुण्यस्थली भक्तों के लिए तरह तैयार है। इसका वैभव और इसका आध्यात्मिक महत्व अब लोगों के लिए उपलब्ध है। भगवान श्रीराम और माता सीता से जुड़ी इस सुंदर पुण्य भूमि की गुफाओं में 17 कमरे  हैं। इस स्थान को हरचौका कहते है और माता सीता की रसोई के नाम से भी लोग इसे जानते है।

 भगवान राम के पदचिन्ह

सीतामढ़ी हरचौका में विशाल शिलाखंड स्थित है, जिसे लोग भगवान राम का पद चिन्ह मानते हैं। लोक आस्था और विश्वास के कारण लोग शिलाखंड की पूजा-अर्चना करते है। प्रभु राम के पदचिन्ह का पुरातात्विक महत्व होने के कारण इस पर शोध कार्य भी जारी है।

पर्यटन तीर्थ के रूप में विकास
सीतामढ़ी-हरचौका को लोेक आस्था के केन्द्र के रूप में विकसित करने का कार्य किया जा रहा है। नदी के घाट का सौंदर्यकरण चल रहा है। यहां पर्यटकों के ठहरने के लिए आश्रम भी निर्माणाधीन है और खान-पान की व्यवस्था के लिए कैफेटेरिया भी बनाया जा रहा है। यहां से भगवान राम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा भी नजर आएगी।

कैसे पहुंचे सीतामढ़ी हरचौका

राजधानी रायपुर से मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ की दूरी लगभग 400 किमी. है और सड़क मार्ग से सीधे हरचौका पहुंच सकते है।राजधानी रायपुर से यहां पहुंचने के लिए सीधी ट्रेन उपलब्ध है जो बैकुंठपुर रोड स्टेशन तक जाती है। यहां से लगभग 170 किमी. की दूरी पर सीतामढ़ी-हरचौका स्थित है। बैकुंठपुर रोड स्टेशन से सीतामढ़ी- हरचौका जाने के लिए टैक्सी सेवा भी उपलब्ध है।

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