33 दिन बाद मिली लापता युवक की लाश: ऐसा हुआ खुलासा, जानिए पूरा मामला

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) रायपुर :- रायपुर के उरला इलाके से 33 दिन पहले 25 सितंबर को गायब युवक वजाहुद्दीन का शुक्रवार को शव मिला है। युवक की हत्या कर शव दफन कर दिया था। पुलिस ने हत्या का खुलासा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने आरोपी फिरोज खान, विश्वनाथ और करीम खान को गिरफ्तार किया है। करीम खान ने बेटी के साथ नाजायज संबंध की वजह से युवक की हत्या की गई थी। करीम खान ने फिरोज खान को हत्या का जिम्मा दिया था। बहरहाल पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

ये है पूरा मामला
उरला गांव में 21 वर्षीय युवक वाहजुद्दीन उर्फ बाबु 25 सितंबर से लापता था। परिजनों ने पुलिस थाने में जाकर रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। 40 दिनों तक परिजन थाना का चक्कर काटते रहे। वह जिस दिन गायब हुआ था, उसी दिन परिजनों ने गांजा तस्कर का नाम बताया था। लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। जब वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा ने हस्तक्षेप किया, तब युवक की हत्या का राज खुला। वजाहुद्दीन का करीम की बेटी से प्रेम संबंध था। करीम ने अपने भतीजे फिरोज से कहा कि वजाहुद्दीन को समझाए कि वह ऐसा नहीं करे। उसी के बाद 25 सितंबर की रात फिरोज ने अपने दोस्त के साथ मिलकर डब्ल्यूआरएस मैदान में वजाहुद्दीन की हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को घसीटकर सूनसान जगह पर दफ्न कर दिया। काफी जांच पड़ताल के बाद तहसीलदार की मौजूदगी में पुलिस ने जमीन खुदवाकर शव बरामद किया। करीब साढ़े 4 फीट की गहराई में युवक का शव बरामद किया गया। फिलहाल पुलिस ने 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
परिजनों ने किया थाने का घेराव, हंगामा
शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। आक्रोशित परिजन और मोहल्ले वालों ने खमतराई थाना का घेराव कर पुलिस वालों के खिलाफ नारेबाजी। उसके बाद वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा थाने पहुंचे। उनके पहुंचने के बाद ही भीड़ शांत हुई। हंगामे के दौरान थाने में तनाव हो गया था। इस बीच थाने में तोड़फोड़ का हल्ला भी मच गया था।
16 माह पहले बेल पर छूटा है फिरोज

हत्याकांड का मुख्य आरोपी फिराज खान 16 माह पहले ही हत्या के केस में जमानत पर छूटा है। बीरगांव निवासी वाजुद्दीन अहमद उर्फ बाबू (23) पिता के साथ ट्रांसपोर्ट का काम देखता था। वह 25 सितंबर की रात घर से पैदल निकाला था। उसके बाद वह घर लौटकर नहीं आया। देर रात में जब घर नहीं आया तो परिजनों ने उसे लगातार कॉल किया। उसका फोन बंद था। उसके साथियों से संपर्क किया। दूसरे दिन भी इधर-उधर तलाश की गई। जब बाबू नहीं मिला तो पुलिस में शिकायत की।