सरकारी राशि का बंदरबाट: जांच में पहुंची टीम बेरंग लौटी, शामिल नहीं हुए सरपंच-सचिव और उपसरपंच

(छत्तीसगढ़ प्रयाग न्यूज) गरियाबंद:- जिला मुख्यालय गरियाबंद से लगे ग्राम पंचायत मालगांव में शुक्रवार को सरकारी राशि के बंदरबाट के आरोप की जांच करने पहुंची जनपद की टीम बिना जांच किए ही बेरंग वापस लौट गई। जांच का सामना करने के बजाय सरपंच, सचिव, उपसरपंच और पंच नदारद रहे। जांच के डर से वे पंचायत ही नहीं पहुंचे। इसके बाद टीम ने सात नवंबर को फिर से जांच का निर्णय लिया है।
भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन के लिए पहुंची थी टीम
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को ग्राम पंचायत मालगांव में सरकारी राशि के गबन की जांच के लिए पंचायत बैठक हुई। जनपद पंचायत की टीम विभिन्न योजनाओं और विकास कार्यों के लिए आई राशि का मदवार आय-व्यय की जांच भौतिक सत्यापन व मूल्यांकन के लिए पहुंची थी। जब निर्धारित समय 11 बजे सुबह टीम पहुंची तो ग्राम पंचायत में सरपंच, सचिव, उपसरपंच सहित सभी पंच नदारद थे। केवल गिने चुनेे ग्रामीण ही मौके पर पहुंचे थे। काफी देर तक टीम ने पंचायत प्रतिनिधियों का इंतजार किया, जिसके बाद पंचनामा बनाकर बेरंग लौट गई।
सचिव ने ग्रामीणों को नहीं दी सूचना
इस दौरान टीम के साथ ग्रामीणों के साथ हुई चर्चा में पता चला कि टीम ने ग्रामीणों को सूचना देने सचिव को निर्देशित किया था, परंतु सचिव ने किसी भी ग्रामीण को सूचना नहीं दी। ग्रामीणों को जनपद के माध्यम से ही जांच टीम आने की जानकारी मिली। इसके बाद ही ग्रामीण जांच में कार्रवाई के लिए पहुंचे थे। इधर टीम ने भी इस बात की पुष्टि करते कहा कि पहले से ही उनके आने की सूचना सरपंच, सचिव और पंचायत प्रतिनिधियों को दे दी गई थी।
ग्रामीणों ने लगाए हैं आरोप
ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत मालगांव के सरपंच, सचिव और उपसरपंच द्वारा शासन से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं की राशि तथा 14वें व 15 वें वित्त के राशि का बिना पंचायत प्रस्ताव के फर्जी बिल बाउचर बनाकर गबन करने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों ने वर्ष 2020-21 से आज तक मूलभूत, 14वें, 15वें वित्त में बिल वाउचर कोटेशन, प्रस्ताव पारित, नजरी नक्षा, प्राक्कलन प्रपत्र, तकनीकि स्वीकृति, प्रशासनिक स्वीकृति, कार्यालय प्रबंध व्यय का विवरण, गौठान में आय-व्यय का विवरण, विभिन्न मद द्वारा किए निर्माण कार्य का विवरण, नल-जल योजना का आय-व्यय, बाजार का वसूली आय, तालाब लीज राशि, मकान रोशनी टैक्स का विवरण सहित विभिन्न योजनाओं में आई राशि की जांच की मांग की थी।